क्या जीव का गुरु बिना मोक्ष हो सकता है? क्या मा बिना बालक पैदा हो सकता है क्या असम्भव ठीक उसी प्रकार गुरु बिना मोक्ष मुश्किल है जैसे हमे बचपन से पड़ाया जाता है पहली से लेकर फिर हम १० का एग्जाम पास कर पाते है आखिरकार एक भौतिक एग्जाम को पास करने के लिए अनेकों टीचर और सर की आवश्यकता हुए तो क्या मोक्ष एक मामूली चीज है क्या जी नहीं एक बीमार व्यक्ति को जिस प्रकार कहीं प्रकार के ट्रीटमेंट से गुजरना पड़ता है ठीक होने के लिए उसी प्रकार मोकछ प्राप्त करने के लिए एक प्रामाणिक गुरु जिसने अपने जीवन में अध्यात्म से महत्व किसी भी चीज को न दिया हो। जिसने सिर्फ अपना जीवन विश्व कल्याण के लिए समर्पित कर दिया हो । मात्र वहीं ही एक ऐसा तेज जीव ही भगवन के चिर स्थाई धाम को प्राप्त कर सकता है। उसे है मोक्ष कहा गया है। गुरु का अर्थ होता है जो अज्ञान के अन्धकार को दूर कर के ज्ञान से और ज्ञान भी ऐसा जिससे विश्व कल्याण किया का सके ना की पशु के समान भोग। गुरु बिन ज्ञान न उपजै, गुरु बिन मिलै न मोष। गुरु बिन लखै न सत्य को, गुरु बिन मैटैं न दोष।। ।। हिन्दी मे इसके अर्थ ।। कब...
मगहर में सूखी नदी में पानी बहाना मगहर के समीप एक आमी नदी बहती थी। वह भगवान शंकर जी के श्राप से सूख गई थी। पूर्ण ब्रह्म कबीर साहेब ने उसी समय अपनी शक्ति से उसमें पानी भर चलाया। आज भी आमी नदी प्रमाण के तौर पर बह रही है। फिर परमेश्वर कबीर साहेब हजारों लोगों के सामने से सशरीर सतलोक गये
रक्षाबन्धन एक हिन्दू व जैन त्योहार है जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) या सलूनो भी कहते हैं।[1] रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व है। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे, तथा सोने या चाँदी जैसी मँहगी वस्तु तक की हो सकती है। रक्षाबंधन भाई बहन के रिश्ते का प्रसिद्ध त्योहार है, रक्षा का मतलब सुरक्षा और बंधन का मतलब बाध्य है।रक्षाबंधन के दिन बहने भगवान से अपने भाईयों की तरक्की के लिए भगवान से प्रार्थना करती है। राखी सामान्यतः बहनें भाई को ही बाँधती हैं परन्तु ब्राह्मणों, गुरुओं और परिवार में छोटी लड़कियों द्वारा सम्मानित सम्बंधियों (जैसे पुत्री द्वारा पिता को) भी बाँधी जाती है। कभी-कभी सार्वजनिक रूप से किसी नेता या प्रतिष्ठित व्यक्ति को भी राखी बाँधी जाती है। रक्षाबंधन के दिन बाजार मे कई सारे उपहार बिकते है, उपहार और नए कपड़े खरीदने के लिए बाज़ार मे लोगों की सुबह से शाम तक भीड होती है। घर मे मेहमानों का आना जाना रहता है। रक्षाबंधन के दिन भाई अपने बहन को राखी के...
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