गुरु के बिना मोक्ष की प्राप्ति संभव नहीं है
क्या जीव का गुरु बिना मोक्ष हो सकता है? क्या मा बिना बालक पैदा हो सकता है क्या असम्भव ठीक उसी प्रकार गुरु बिना मोक्ष मुश्किल है जैसे हमे बचपन से पड़ाया जाता है पहली से लेकर फिर हम १० का एग्जाम पास कर पाते है आखिरकार एक भौतिक एग्जाम को पास करने के लिए अनेकों टीचर और सर की आवश्यकता हुए तो क्या मोक्ष एक मामूली चीज है क्या जी नहीं एक बीमार व्यक्ति को जिस प्रकार कहीं प्रकार के ट्रीटमेंट से गुजरना पड़ता है ठीक होने के लिए उसी प्रकार मोकछ प्राप्त करने के लिए एक प्रामाणिक गुरु जिसने अपने जीवन में अध्यात्म से महत्व किसी भी चीज को न दिया हो। जिसने सिर्फ अपना जीवन विश्व कल्याण के लिए समर्पित कर दिया हो । मात्र वहीं ही एक ऐसा तेज जीव ही भगवन के चिर स्थाई धाम को प्राप्त कर सकता है। उसे है मोक्ष कहा गया है। गुरु का अर्थ होता है जो अज्ञान के अन्धकार को दूर कर के ज्ञान से और ज्ञान भी ऐसा जिससे विश्व कल्याण किया का सके ना की पशु के समान भोग। गुरु बिन ज्ञान न उपजै, गुरु बिन मिलै न मोष। गुरु बिन लखै न सत्य को, गुरु बिन मैटैं न दोष।। ।। हिन्दी मे इसके अर्थ ।। कब...